जो हिंदू-द्वेषी है वह भारत-द्वेषी और मानवता-विरोधी है

चंद्रकांत पी. सिंह
  • मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि मेरा धर्म किसी पर थूक फेंक कर उसे कोरोना-संक्रमित करने की अनुमति नहीं देता चाहे वह व्यक्ति मेरा खुला दुश्मन ही क्यों न हो।
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    मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि हमें बचपन से सिखाया गया है कि परोपकार से बड़ा कोई पुण्य नहीं और परपीड़ा से बड़ा कोई पाप नहीं।
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    मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि हमें किसी धर्मग्रंथ ने नहीं कहा है कि किसी बच्ची या महिला को सेक्स ग़ुलाम बनाना हलाल है; उससे बलात्कार हलाल है सिर्फ इसलिए कि वह दूसरे मजहब या धर्म से है जैसे कि यजीदी महिलाओं और बच्चियों के साथ आईएसआईएस ने किया।
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    मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि हमें किसी धर्मग्रंथ ने नहीं कहा है कि 6 साल की बच्ची से शादी और 9 साल में उससे हमबिस्तर होना हलाल है क्योंकि परवरदिगार के दूत ने 52 की उम्र में निक़ाह और 55 में पति होने का जैविक रोल अदा किया था।
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    मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि हमें किसी धर्मग्रंथ ने नहीं कहा है कि बलात्कार को हिन्दू और मुस्लिम में बाँटकर उसपर राजनीति की जाए।
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    मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि हमें किसी धर्मग्रंथ ने नहीं कहा है कि धर्म के लिए निर्दोष की हत्या या बलात्कार हलाल है।
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    मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि अबतक हमने निर्भया का असली नाम उजागर करने की जिद नहीं की और उसके गुप्तांग में जंग लगी रॉड डालनेवाले नाबालिग के मजहब को लेकर मोमबत्ती मार्च नहीं निकाला।
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    मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि धर्म के किसी विधान की आलोचना करने, उस पर शास्त्रार्थ करने या न मानने पर कोई भी धर्मग्रंथ हत्या का आदेश नहीं देता।
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    मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि हिन्दू धर्मग्रंथ अन्धविश्वास नहीं बल्कि सत्य की खोज पर बल देते हैं।
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    मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि यहाँ न अंतिम देवता, न अंतिम किताब, न अंतिम वचन और न अंतिम सत्य का कोई दावा है।
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    मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि मेरा धर्म जो हिन्दू नहीं हैं उन्हें बलात् हिन्दू बनाने और वे न मानें तो उनपर अत्याचार या उनकी हत्या करने की अनुमति नहीं देता।
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    मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि मेरा धर्म सभी जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के साथ सहस्तित्व का पाठ पढ़ाकर मुझे एक विश्व नागरिक बनाता है जिसका अर्थ पूरे विश्व को एक परिवार मानकर चलना है।
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    मुझे हिन्दू होने पर गर्व है क्योंकि हिन्दू-विद्वेषी होने का अर्थ सिर्फ बहुमत-द्वेषी होना नहीं बल्कि भारत-द्वेषी और विश्व-मानवता के ख़िलाफ़ खड़ा होना है।
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    मुझे गर्व है कि मैं हिन्दू हूँ क्योंकि मेरा धर्म मुझे निर्मोही भाव से धर्मयुद्ध की अनुमति देता है:जब विश्व-मानवता के विचार पर ही ख़तरा उत्पन्न हो जाए;जब सहस्तित्वविरोधी गिरोह सत्ता संस्थान का हिन्दू-विद्वेषी उपयोग करने लग जाएँ;जब लोकतंत्र के प्रहरी ही लोकतंत्र का इस्तेमाल लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए करने लगें।
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    …और 2020 के कोरोना जिहाद के विरुद्ध खुला संघर्ष एक धर्मयुद्ध है जिसमें हमें विजयी होना है क्योंकि धर्म उसी की रक्षा करता है जो धर्म की रक्षा में निर्द्वन्द्व भाव से सन्नद्ध होता है। धर्मयुद्ध-2020 का नारा है:
    कोरोना से लड़ाई न सिर्फ कोरोना से लड़ाई
    जो कसाई की मदद करे है वह भी कसाई।

चंद्रकांत पी. सिंह की फेसबुक वाल से….

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