इंस्टीट्यूट फार कांफ्लिक्ट मैनेजमेंट के अनुसार, नेशनल रिजिस्टेंस फ्रंट(NRF) से संघर्ष में 904 तालिबान लड़ाके मारे गए। 15 अगस्त, 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता संभाली। 15 अगस्त 2021 से अब तक कुल 236 बार NRF और तालिबान आमने-सामने आ चुके हैं। इसमें 904 तालिबान और 295 NRF के लड़ाके मारे गए।
एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (NRF) के नेता अहमद मसूद ने 1 सितंबर, 2024 को दावा किया कि साल 2024 में पूरे अफगानिस्तान में 207 ‘सैन्य अभियानों’ का संचालन किया। NRF के पास कुल 5,000 सैनिक हैं। 1 सितंबर, 2024 को ही तालिबान पुलिस मुख्यालय पर रॉकेट हमले में तीन तालिबान लड़ाके मारे गए और एक अन्य घायल हुआ। यह हमला भी NRF ने ही किया था। उसी दिन, हेरात शहर में NRF ने एक मोटरसाइकिल पर सवार दो तालिबान लड़ाकों को मारा गिराया। हथियार और मोटरसाइकिल भी NRF के लड़ाके साथ ले गए।
NRF ने 2 सितंबर, 2024 को हेरात-फराह राजमार्ग पर एक तालिबान वाहन पर घात लगाकर हमला किया, इस हमले में दो तालिबान लड़ाके मारे गए और तीन घायल हुए। तालिबान कैडरों का वाहन भी नष्ट हो गया। इसी दिन नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट यानि NRF ने तालिबान खुफिया इकाई पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें दो तालिबान लड़ाके मारे गए और एक घायल हुआ। खाटायन क्षेत्र में एक टोयोटा हिलक्स वाहन जो तालिबान लड़ाकों को ले जा रहा था, उसे भी NRF के लड़ाकों ने नष्ट कर दिया। 3 सितंबर, 2024 को NRF ने हेरात प्रांत के इनजिल जिले के रबत गांव में दो तालिबान लड़ाकों को मार डाला और उनके हथियार और उपकरण साथ ले गए।
इसी तरह 4 सितंबर, 2024 को NRF के एक हमले में तीन तालिबान लड़ाके मारे गए। उसके पहले 8 सितंबर, 2024 को भी बग्लान प्रांत के तालावाबराक जिले में नेशनल रिजिस्टेंस फ्रंट के हमले में तालिबान खुफिया एजेंसी के दो लड़ाके मारे गए। NRF ने उनसे मिले कई उपकरण भी साथ ले गए। नेशनल रिजिस्टेंस फ्रंट ने 11 सितंबर, 2024 को, काबुल प्रांत के क़ाराबाग़ जिले के दाऊद्जी गांव में तालिबान लड़ाको पर हमला कर दिया। इस हमले में तीन तालिबान लड़ाके मारे गए और पांच घायल हो गए। इस तरह अफगानिस्तान में लगातार अस्थिरता बनी हुई है। अब सवाल उठता है कि नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट NRF आखिर चाहता किया है। उसके घोषित उद्देश्य इस प्रकार हैं..
NRF के घोषित उद्देश्य हैं:
- अफगानिस्तान की संस्कृति स्थापित करने के साथ ही सभी के लिए सामाजिक न्याय और समानता
- अफगानिस्तान के सभी नागरिकों के लिए स्वतंत्रता प्रदान करना
- अफगानिस्तान में लोकतंत्र की रक्षा करना
- महिलाओं के अधिकारों और मानव अधिकारों की रक्षा करना
- अफगानिस्तान में तर्कसंगत इस्लाम को पुनर्जीवित करना
इस तरह NRF का लक्ष्य एक लोकतांत्रिक अफगानिस्तान स्थापना है, जो सभी जातीय समूहों को एक विकेंद्रीकृत लोकतांत्रिक सरकार के तहत एकजुट करता है और इसका समर्थन पूरे अफगानिस्तान में जातीय समूहों से प्राप्त है।
1 सितंबर, 2024 को, मसूद ने NRF के सैन्य अभियानों की व्याख्या करते हुए कहा
“नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट की सैन्य गतिविधियाँ अगस्त 2021 में शुरू हुईं। उस समय तालिबान ने हमारे ऊपर पंजशीर घाटी (उत्तरी अफगानिस्तान) में हमला किया। तब से हम उनका प्रतिरोध कर रहे हैं। उत्तर के दो प्रांतों से शुरू हुआ हमारा अभियान अब करीब 20 प्रांतों में फैल चुका है। हमारी आज की गतिविधियाँ असामान्य और मुख्यतः गुरिल्ला ऑपरेशन तक सीमित हैं। हमारे नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट का सैन्य विंग अफगानिस्तान के अंदर स्थित है। हमारे बेस और कमांडो यूनिट्स सभी देश में हैं। जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, हम अपनी भर्ती और ऑपरेशनल क्षमता को और बढ़ा रहे हैं।”
भौगोलिक स्थिति को देखे तो यह स्थान पंजशीर घाटी, हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला से घिरी हुई है। यह गुरिल्ला युद्ध के लिए अनुकूल है। NRF अधिकांश हमलों में हिट-एंड-रन रणनीति अपनाता है, और अधिकांश ऑपरेशन्स अंधेरे के आवरण में होते हैं, जिससे ऑपरेशनल सुरक्षा बढ़ती है और नागरिकों की जोखिम कम होती है।
NRF को प्रवासी समुदायों का भी समर्थन प्राप्त है। इसका इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, क्लब हाउस और अन्य सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्मों पर उपस्थिति है। NRF के नेता और समर्थक संगठित, प्रचारित, जागरूकता फैलाने और सार्वजनिक राय को प्रभावित करने में लगे हुए हैं, और यही फ्रंट की सबसे बड़ी ताकत है।
उत्तर में अधिकांश ऑपरेशन्स पंजशीर, कापिसा, पार्वान, बग्लान, बदख्शान, और तखर प्रांतों से रिपोर्ट किए गए हैं। NRF के साथ लड़ाई के मैदान में अफगान फ्रीडम फ्रंट (AFF) भी शामिल है। पूर्व अफगान राष्ट्रीय सेना (ANA) के जनरल स्टाफ के प्रमुख और कार्यकारी रक्षा मंत्री यासीन जिया AFF का नेतृत्व करते हैं। जबकि AFF और NRF की पहचान अलग-अलग है, वे तालिबान लड़ाकों को नुकसान पहुंचाने के लिए सहयोग करते हैं।
11 अप्रैल, 2024 को, दोनों बलों ने अपनी पहली संयुक्त बैठक आयोजित की। इस वर्चुअल बैठक में, यासीन जिया ने तालिबान के खिलाफ एक तीन महीने के हमले के लिए विरोधी तालिबान गुटों को एकजुट होने का आह्वान किया। अहमद मसूद ने AFF की तालिबान के खिलाफ आक्रामक स्थिति की सराहना की और तालिबान के खिलाफ AFF की हाल की सैन्य गतिविधियों की प्रशंसा की।
तालिबान शासन वर्तमान में तीन मोर्चों पर लड़ाई कर रहा है। सैन्य क्षमता के संदर्भ में, तालिबान के पास अमेरिका द्वारा विरासत में मिले सैन्य हार्डवेयर हैं, जिसमें राइफलें, आर्मर्ड वाहन, रात की दृष्टि उपकरण आदि शामिल हैं, जिसकी क्षमता NRF के मुकाबले सबसे अच्छी है। जबकि नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट को कोई बाहरी सैन्य समर्थन प्राप्त नहीं है।