सेना में शामिल होना स्वैच्छिक होता है अगर कोई शामिल होना चाहता है तो अपनी इच्छा से शामिल होता है |सेना कोई कंपनी या रोजगार एजेंसी नहीं है |अग्निपथ भर्ती योजना को अच्छी तरह से सोच-विचार कर ही शुरू किया गया और यदि इसमें किसी बदलाव की ज़रूरत पड़ेगी तो चार साल बाद किए जाएंगे | अग्निपथ सशस्त्र बलों में भर्ती की प्रक्रिया में मौलिक परिवर्तन का प्रतीक है और सभी को इस बदलाव को स्वीकार करना चाहिए |अगर बदलाव की ज़रूरत पड़ी तो भर्ती का तरीक़ा, रिटेंशन-एक्सटेंशन मिलने वाले जवानों की संख्या या ऐसा कुछ भी |एक बार विश्वसनीय आंकड़े आ जाएं तो इनमें चार से पाँच साल बाद बदलाव किए जा सकते हैं | फिलहाल, इस पर अच्छे से सोच-विचार किया गया है और जिसे लागु किया जा रहा है |
रेजिमेंट में बदलाव बहुत धीमे होगा और समरूप इकाइयों को तुरंत खत्म करने की कोई योजना नहीं है | इस योजना की आलोचना में कहा जा रहा है कि ‘ऑल इंडिया, ऑल क्लास’ भर्तियों से सैन्य टुकड़ियों की एकता प्रभावित होगी, जो कि अब तक सैन्यकर्मियों में समरूपता बनी हुई थी |
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में अग्निवीरों को 10 फ़ीसदी, कोस्ट गार्ड और डिफ़ेंस पीएसयू में 10 फ़ीसदी का आरक्षण मिलेगा. इसके अलावा केवल इस बार अधिकतम आयु सीमा में भी दो साल की रियायत दी जाएगी , “11.71 लाख रुपये टैक्स की छूट के साथ मिलेंगे | इसके साथ ही उन्हें चार साल की नौकरी में भी 11.72 लाख रुपये वेतन के तौर पर दिए जाएंगे | इसका मतलब है कि सेना में आने वाले एक 18 साल के युवा को चार साल बाद वापसी के समय 24 लाख रुपये मिलेंगे |”चार साल बाद एक युवा को सेना से निकलकर बाहर कई मौक़े मिलेंगे | ये योजना ऐसी बनाई गई है कि चार साल बाद उन्हें पेंशन नहीं मिलेगी, ऐसी बनाई गई है ताकि उन्हें अधिक क्षमतावान युवा बनाया जाए | ये एक युवा को चार साल के लिए देश की सेवा करने का मौक़ा देने और फिर यहाँ से निकलकर कुछ और करने देने के लिए बनाई गई योजना है |
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलावार को अग्निपथ से पर्दा हटाया |उन्होंने कहा कि रक्षा पर कैबिनेट कमिटी ने ऐतिहासिक फ़ैसला लिया है |रक्षा मंत्री ने कहा, ”आज हम ‘अग्निपथ’ नामक एक परिवर्तनकारी योजना ला रहे हैं, जो हमारी सशस्त्र बलों में बदलाव लाकर उन्हें आधुनिक और बनाएगी |
अग्निपथ’ योजना में भारतीय युवाओं को, बतौर ‘अग्निवीर’ सशस्त्र बलों में सेवा का अवसर प्रदान किया जाएगा | यह योजना देश की सुरक्षा को मज़बूत करने और हमारे युवाओं को सैन्य सेवा का अवसर देने के लिए लाई गई है | सब इस बात से ज़रूर सहमत होंगे कि संपूर्ण राष्ट्र, ख़ास तौर पर हमारे युवा सेना को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं | अपने जीवन काल में कभी न कभी प्रत्येक बच्चा सेना की वर्दी धारण करने की तमन्ना रखता है |
युवाओं को यह फ़ायदा भी होगा कि उन्हें नई-नई तकनीक के लिए आसानी से प्रशिक्षित किया जा सकेगा | उनकी सेहत और फिटनेस का स्तर भी बेहतर होगा |अग्निपथ योजना के अंतर्गत यह प्रयास किया जा रहा है कि भारतीय सशस्त्र बलों का प्रोफ़ाइल उतना ही युवा हो जितना कि भारतीय आबादी का है |
अग्निपथ’ योजना से रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे | अग्निवीर सेवा के दौरान अर्जित स्किल और अनुभव से उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार प्राप्त होंगे |अग्निवीरों के लिए एक अच्छी पे पैकेज, चार साल की सेवा के बाद सेवा निधि पैकेज और एक ‘मृत्यु और विकलांगता’ पैकेज की भी व्यवस्था की गई है |अग्निपथ’ के तहत सेना में युवाओं को चार साल तक काम करने के लिए मौक़ा मिलेगा | इसें जॉइन करने वाले 25 फ़ीसदी युवाओं को बाद में रिटेन किया जाएगा | यानी 100 में से 25 लोगों को पूर्णकालिक सेवा का मौक़ा मिलेगा |
इस योजना से रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और देश की सुरक्षा मज़बूत होगी| अग्निवीर चार साल की सेवा के बाद रिटेन किए गए 25 फ़ीसदी सैनिकों को कहा जाएगा |इस योजना के तहत चार साल के लिए क़रीब 45000 युवाओं को भर्ती किया जाएगा | सेना के अग्निवीरों में महिलाएं भी शामिल होंगी |अग्निपथ के तहत भर्ती किए गए युवाओं को आगे रिटेन होने के लिए छह महीने की ट्रेनिंग से गुज़रना होगा |
अगले 90 दिनों यानी तीन माह के अंदर अग्निपथ योजना के तहत भर्तियां शुरू हो जाएंगी |नए अग्निवीरों की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच होगी |रक्षा मंत्रालय ने कहा है, ”अग्निपथ’, थल सेना, वायु सेना और नेवी में भर्ती होने के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती योजना है यह योजना युवाओं को सशस्त्र बलों के नियमित संवर्ग में सेवा करने का अवसर प्रदान करेगी |
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ”अग्निपथ योजना सभी अग्निवीरों को 30,000 रुपए प्रति महीने और चौथे वर्ष में 40,000 रुपए प्रति महीने तक का आकर्षक मासिक पैकेज प्रदान करेगी |चार साल पूरे होने पर सभी उम्मीदवारों के लिए एक समग्र वित्तीय पैकेज, ‘सेवा निधि’ का भी प्रावधान है|अग्निपथ योजना की अहम भूमिका होगी |भारत उन देशों में से एक है, जहाँ सेना में बड़ी संख्या में लोगों को रोज़गार मिलता है | भारतीय सेना में 14 लाख लोगों को नौकरी मिली हुई है |भारत के नौजवानों में सेना में जाने की तमन्ना बहुत लंबे समय से प्रबल रही है |भारतीय सेना से हर साल 60 हज़ार कर्मी रिटायर होते हैं | सेना इन ख़ाली पदों पर खुली भर्तियों के लिए 100 से ज़्यादा रैलियाँ आयोजित करती रही थी |