यह दास्तां है एक ब्रिटिश अभिनेत्री की जिसने न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित ब्राडवे थ्येटर में पुरुष की भूमिका निभाई और पुरस्कार जीता। वे सोशलिस्ट सांसद थीं जो काबीना मंत्री भी रहीं। रेलवे श्रमिकों की नेता भी। पूंजीवादी कंजर्वेटिव पार्टी के दो प्रधानमंत्रियों के लिए सदन में भारी सिरदर्द थीं। थीं बड़ी विलक्षण, अनूठी और बेजोड़ राजनेता। कल उनका 87 वर्ष की आयु में लंदन में निधन हो गया। नाम था श्रीमती ग्लेंडा जैक्सन जो ब्रिटिश राजनीति में जलजला पैदा करती थीं। फिल्म और रंगमंच पर आकर्षण उपजाती थीं। लंदन के आम वोटर के लिए संसदीय प्रत्याशी थीं।
ग्लेंडा जैक्सन ने दो बार हालीवुड ऑस्कर पारितोष हासिल किया। न्यूयॉर्क टाइम्स में उनके अभिनय पर विशेषण लगाया था : “अद्वितीय अभिनय।” दर्शकों ने अचरज व्यक्त किया था कि शेक्सपियर की कृति “किंग लियर” की भूमिका एक बुढ़िया ने निभाई बिल्कुल मर्दानगी से। वाहवाही लूटी। इस कामयाबी पर ग्लेंडा की टिप्पणी थी : “हम जब मां के रूप में संतानों को पालती हैं तो उनमें लिंग भेद नहीं करते। अतः यह रोल मैं सुगमता से कर सकी।” फिर उनका दृढ़ प्रण था : “खतरे से जूझना तो हर कलाकार की फितरत होती है।”
ग्लेंडा के व्यक्तित्व में परस्पर विषम गुण थे। मूलतः वे समाजवादी रहीं। एक अत्यंत निम्न आयवाले कुटुंब में जन्मी थीं। उनके पिता एक ईंट भट्ठा फैक्ट्री में मजदूर रहे और मां घर घर जाकर दायी की चाकरी करती थी। वे चार बेटियों को पालने के लिए दुकान में काउंटर पर और समय निकालकर रेस्त्रां में सफाई का काम करती थीं। मगर बेटियों को ऊंची शिक्षा दिलवाई। ग्लेंडा सबसे बड़ी थीं। उसकी शिक्षा इंग्लैंड के होली ट्रिनिटी चर्च और कैथकार्ट स्ट्रीट प्राइमरी स्कूलों में हुई। उसके बाद पास के वेस्ट किर्बी में लड़कियों के वेस्ट किर्बी काउंटी ग्रामर स्कूल में पढ़ी। उसने अपनी किशोरावस्था के दौरान टाउनस्विमेंस गिल्ड नाटक समूह में प्रदर्शन किया। लंदन में रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट (RADA) में अध्ययन किया। जिसका बचपन ही बीता दैनिक संघर्ष में ऐसी ग्लेंडा का ब्रिटिश लेबर पार्टी का सक्रिय सदस्य होना स्वाभाविक था। बाद डेढ़ दशक (1992 से) वह अभिनय छोड़कर राजनीति में क्रियाशील थीं। आम चुनाव में लंदन सीट से संसद में पहुंची। तब प्रधानमंत्री थे टोनी ब्लेयर। उनकी सरकार में वे परिवहन मंत्री पद पर थीं। मगर टोनी ब्लेयर का उन्होंने विरोध किया था, जब ईराक पर बमबारी की गई थी। ग्लेंडा का मानना था कि बिना राष्ट्र को विश्वास में लिए प्रधानमंत्री ब्लेयर ने अमरीकी राष्ट्रपति की फिजूलवाली महत्वाकांक्षाओं के हित में सद्दाम हुसैन के ईराक पर हमला किया। टोनी ब्लेयर को पद छोड़ना पड़ा था। जब अमरीकी साम्राज्यवादीयों ने वियतनाम के किसानों और खेतिहर श्रमिकों पर नृशंस नेपाम बम फेंके थे तो ग्लेंडा ने भर्त्सना की थी। बढ़ती उम्र के कारण उन्होंने फिर पार्टी और सक्रिय राजनीति से अवकाश ले लिया।
ग्लेंडा ने सांसदों की स्वार्थपरता पर टीका भी की थी। उनकी नजर में “एक राजनेता के लिए संसद अंतिम पड़ाव नहीं होना चाहिए।” उनके वोटर उनके पास हर समस्या के समाधान हेतु आया करते थे “क्योंकि उन सामान्य जन के लिए उनका सांसद ही सहारा का आखरी तिनका होता है।”
ब्रिटेन कंजर्वेटिव पार्टी की महिला प्रधानमंत्री और लौह महिला मार्गरेट थैचर से ग्लेंडा को नफरत थी। उनकी दृष्टि में यूं तो मार्गरेट एक पंसारी की बेटी रहीं, पर वे थीं अमेरिकी पूंजीवादियों की पैरोकार। ग्लेंडा ऐसी सांसद रहीं जिनकी पोशाक एक साधारण गृहणी सरीखी रही। महंगे परिधान को वे आडंबर मानती रहीं। हालांकि फिल्म और रंगमंच पर अक्सर उन्हें बेशकीमती लिबास पहनने पड़ते थे।
वह अभिनय के अमेरिकी ट्रिपल क्राउन को प्राप्त करने वाली चंद कलाकारों में से एक थीं, जिन्होंने दो अकादमी पुरस्कार, तीन एमी पुरस्कार और एक टोनी पुरस्कार जीता था। उन्हें पांच लॉरेंस ओलिवियर अवार्ड के लिए नामांकन मिला। एडवर्ड एल्बी की थ्री टॉल वीमेन के पुनरुद्धार में उनकी भूमिका के लिए उन्होंने प्ले में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का टोनी पुरस्कार जीता।(2018)। डीएच लॉरेंस की “वीमेन इन लव” (1969) के केन रसेल की फिल्म रूपांतरण में जैक्सन की अभिनीत भूमिका के कारण उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पहला अकादमी पुरस्कार मिला। द इनसाइक्लोपीडिया ऑफ ब्रिटिश फिल्म के मुख्य लेखक ब्रायन मैकफर्लेन ने लिखा: “उनकी तेज बुद्धि, यौन चुनौती और अक्खड़पन ब्रिटिश सिनेमा के इतिहास में दुर्लभ जुनून के साथ एक फिल्म में एक शानदार लिखित भूमिका की सेवा में थे।” फरवरी 2021 में, यह बताया गया कि “जैक्सन द ग्रेट एस्केपर” में माइकल केन के साथ ग्लेंडा अभिनय करेंगी, फिल्म बर्नार्ड जॉर्डन की फ्रांस में डी-डे लैंडिंग की 70 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए अपने देखभाल घर से भागने की सच्ची कहानी है। जॉर्डन की भूमिका केन निभाएंगे, जैक्सन उनकी पत्नी इरीन की। केन और जैक्सन ने इससे पहले द रोमांटिक इंग्लिशवुमन (1976) में एक साथ अभिनय किया था। जैक्सन ने अपनी मृत्यु से पहले “द ग्रेट एस्कैपर” का फिल्मांकन पूरा कर लिया था। यह बाद में इसी वर्षांत में रिलीज होगी।
ग्लेंडा आम तौर पर अपने राजनीतिक जीवन के दौरान एक पारंपरिक वामपंथी मानी जाती रहीं। उन्होंने कई मौकों पर संसदीय वोटों में अपनी पार्टी के खिलाफ बगावत की। ग्लेंडा ने ब्रिटिश राजशाही का विरोध किया। एक गणतंत्रवादी रहीं। “द गार्जियन” के साइमन हैटनस्टोन ने जैक्सन के विचारों को “पारंपरिक श्रम, एकजुटता, नारीवाद” के रूप में अभिव्यक्त किया। जैक्सन महिलाओं के लिए लैंगिक समानता की कमी की आलोचना करने वाली मुखर नारीवादी थीं।