कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने देश के अंतरराष्ट्रीय वर्क परमिट सिस्टम में बदलावों की घोषणा की है। यह घोषणा कनाडा में दूसरे देशों के श्रमिकों की संख्या को कम करने के लिए की गई है। जस्टिन टूडो ने 19 सितंबर को X पर की गई पोस्ट में कहा कि इस साल कनाडा 35% कम अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिट जारी करेगा। अगले साल यह संख्या और 10% कम की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि “हम कम वेतन वाले, अस्थायी विदेशी श्रमिकों की संख्या को कम कर रहे हैं। उनके कार्यकाल की अवधि को घटा रहे हैं” यही बात उन्होंने अगस्त में भी कही थी।
कनाडा ने 2024 में लगभग 4,85,000 छात्र परमिट जारी किए। जबकि 2023 में यह संख्या 5,00,000 से अधिक थी। यह संख्या 2025 में घटकर 4,37,000 होने की संभावना है। यह हालिया नीतिगत परिवर्तनों के अनुरूप है। कनाडा सरकार ने यह निर्णय कनाडा में प्रवासियों की बढ़ती संख्या के कारण लिया गया है। प्रवासियों की बढ़ती जनसंख्या की वजह से वहां के शहरों के बुनियादी ढांचे पर दबाव बढ़ रहा है। कनाडा सरकार का मानना है कि कुछ छात्रों ने कनाडा आने के बाद शरण के लिए आवेदन करने के लिए सिस्टम का उपयोग किया। ट्रूडो ने X अपनी पोस्ट में कहा, “आप्रवासन हमारी अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक है – लेकिन जब गलत लोग सिस्टम का दुरुपयोग करते हैं और छात्रों का फायदा उठाते हैं, तो हम कार्रवाई करते हैं।”
वीजा जारी करने की प्रक्रिया को धोखाधड़ी या अस्वीकार की गई शरण के दावों का पता लगाने के लिए समायोजित किया गया है। अस्थायी निवासियों की संख्या में कमी, जो कनाडा की आबादी का 6.5 प्रतिशत है, उसे 5 प्रतिशत तक लाने की योजना 2025-2027 आप्रवासन स्तर योजना में दिखाई देगी, जिसे 1 नवंबर तक जारी किया जाएगा।
कनाडा में अंतरराष्ट्रीय ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट, मास्टर्स और पीएचडी प्रोग्राम के छात्रों के लिए पोस्टग्रेजुएट वर्क परमिट तीन साल के लिए मान्य होते हैं। कनाडा सरकार अगले तीन वर्षों में पोस्टग्रेजुएट वर्क परमिट की संख्या को 1.75 लाख तक कम करने की योजना बना रही है। यही नहीं, जीवनसाथी वर्क परमिट की संख्या में 50,000 की कमी भी की जाएगी। यह केवल तभी दिया जाएगा जब किसी का जीवनसाथी 16 महीने के न्यूनतम अवधि के लिए मास्टर कार्यक्रम कर रहा हो।
पोस्टग्रेजुएट वर्क परमिट के लिए आवेदन करने से पहले छात्रों को अब कनाडाई भाषा प्रवीणता परीक्षण (CLB) पास करना होगा। विश्वविद्यालय के स्नातकों के लिए आवश्यक स्कोर 7 और कॉलेज के स्नातकों के लिए 5 होगा। नई नीति के मुताबिक सभी आवेदनों पर 1 नवंबर से लागू होगा। इससे पहले, CLB की आवश्यकता केवल स्थायी निवास (PR) के लिए थी।
सार्वजनिक कॉलेजों से स्नातक करने वाले छात्र पोस्टग्रेजुएट वर्क परमिट यानि PGWP के लिए तभी पात्र होंगे यदि वे उस क्षेत्र से स्नातक कर रहे हैं जो देश में दीर्घकालिक श्रम की कमी वाले व्यवसायों से संबंधित है (जैसा कि सरकार द्वारा सूचीबद्ध किया गया है)।
मास्टर्स और डॉक्टोरल कार्यक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्रों को अब एक प्रांतीय प्रमाण पत्र (PAL) प्राप्त करना होगा। पहले यह शर्त केवल स्नातक छात्रों के लिए थी।
अगस्त में अपने पाठ्यक्रम पूरे करने वाले डिप्लोमा धारकों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता है। बिजिनेस एडमिस्ट्रेशन, आईटी आदि का अध्ययन करने वालों को लग सकता है कि उनकी योग्यताएँ अब कनाडा की दीर्घकालिक नौकरी आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं हैं।
ऐसे पाठ्यक्रम पेश करने वाले कनाडाई कॉलेज भी अगर नए कार्यक्रम शुरू नहीं करते हैं तो उन्हें कम अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन देखने को मिल सकता है। पंजाब स्थित सलाहकारों ने यह भी नोट किया है कि जिन छात्रों के पास प्लंबिंग, रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग/हीटिंग, मैकेनिक्स, एआई और मशीन लर्निंग, बढ़ईगिरी, स्वास्थ्य और नर्सिंग क्षेत्रों में कौशल है ये सभी श्रम की कमी का सामना कर रहे हैं। उनके पास PGWP प्राप्त करने के अवसर हैं।
कनाडा की इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज़ और नागरिकता (IRCC) के आंकड़ों के अनुसार, 2017 में लगभग 4.90 लाख अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट वर्क परमिट वाले थे। 2023 तक यह संख्या 10 लाख से अधिक हो गई। इसमें से पिछले आठ वर्षों का आंकड़ा बताता है कि आधे भारतीय और चीनी छात्र होते हैं।