खेती किसानी के लिए वैज्ञानिक तरीका जरुरी
खेती किसानी के मामले में भारत के किसानों को ज्यादा से ज्यादा तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए तभी पर एकड़ उपज को बढ़ाया जा सकत»
खेती किसानी के मामले में भारत के किसानों को ज्यादा से ज्यादा तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए तभी पर एकड़ उपज को बढ़ाया जा सकत»
खेती किसानी को लेकर बातें बहुत सारी हो रही। तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन हो रहे हैं। इस आंदोलन के जरिए कुछ संगठन»
किसान सड़क पर हैं| वो नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की माँग कर रहे हैं| संसद के ज़रिए ये क़ानून बनाए गए हैं, लेकि»
भारत में आंदोलनकारी किसान और केंद्र सरकार के बिच जारी तानाव कहीं से भी जायज नहीं है। भारत खाद्यान्नों के मामले»
भारत में 1970-71 में जोत का औसत आकार 2.28 हेक्टेयर था जो 1980-81 में घटकर 1.82 हेक्टेयर और 1995-96 में 1.50 हेक्टेयर रह»
नई तकनीकों को बढ़ावा देना और कृषि अनुसंधान और विस्तार में सुधार करना, भारत के कृषि अनुसंधान और विस्तार प्रणालियों»
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि की हिस्सेदारी उत्तरोत्तर घटकर 15% से भी कम हो गई है, क्योंकि औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों की»
इसी तरह जाने माने इतिहासकार धर्मपाल की पुस्तक ‘इंडियन साइंस एंड टेक्नालाजी इन दी एटींथ सेंचुरी’ में भारत की उन्नत खेती क»
मोदी सरकार ने कृषि में सुधार के तीन कदम उठाए हैं। पहला कृषि उत्पाद विपणन समिति अधिनियम में सुधार। दूसरा कांट्रक्ट फार्मि»
बदलते हुए समय में किसान को उसकी मेहनत का मूल्य मिलना चाहिए। किसान कड़ी मजदूरी करके जो भी पैदा करता है, उसकी मजबूरी का ला»
विपक्ष को किसानो की नहीं विचौलियों की चिंता है। वह बिचौलियों के लठैती कर रहा। विपक्ष ने मानसून सत्र के सातवें दिन राज्यस»
खरीफ फसल के लिए उम्मीदें जगाती बरसात। भारत में समय पर अच्छी बरसात किसानों के लिए जहां कई सौगात लेकर आती हैं, वही अतिवृष्»
गांधी जी का लक्ष्य स्वराज्य था। स्वराज्य के लिए ही उन्होंने असहयोग और सविनय अवज्ञा जैसे आंदोलन चलाए। गांधी जी मानते थे क»
स्वतंत्र भारत में पहली बार खेती किसानी को केन्द्र में रखकर बजट बनने की शुरूआत हुई। अभी तक होता आया था कि बजट भाषण का 25»
खेती किसानी तो भारतीय जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण अंग था। पग पग पर इसकी निशानियां आपको मिलेगी। पुरखों के किस्से भी उसी अती»
अब समय है परंपरागत खेती के तरीको की तरफ लौटने का, लेकिन इसमें भी संतुलन की जरूरत है। क्योंकि जितने अन्न की जरूरत हमे होग»
दूसरी पंचवर्षीय योजना में भी सहकारिता क्षेत्र पर बल दिया गया। अखिल भारतीय ग्रामीण ऋण सर्वेक्षण समिति की सिफारिशों के आधा»
मनुष्य ने जब खेती करना सीखा होगा तभी वह स्थाई जीवन जीना भी सीखा होगा। हल की लकीरों से ही सभ्याताओं ने भी आकार लिया होगा।»
भारत में किसान आंदोलनों का इतिहास गौरवशाली रहा है। ऐसे आंदोलनों में अवध किसान आंदोलन सबसे अहम माना जाता है। सौ साल पहले»