मजहब भाषा और लिपि की सीमा
सभा में गांधीजी का लिखित संदेश सुनाया जाने वाला था किंतु संयोगवश प्रार्थना आध घंटे बाद शुरू हुई. तब तक महात्माजी का मौन»
सभा में गांधीजी का लिखित संदेश सुनाया जाने वाला था किंतु संयोगवश प्रार्थना आध घंटे बाद शुरू हुई. तब तक महात्माजी का मौन»
दुनिया के जिस भूभाग ने सर्वाधिक समय तक समृद्धि और संस्कृति का अखंड प्राहव देखा है, उसका नाम भारत है। इस भारत की तासीर भा»
अंग्रेजों का राज तो इस देश पर 200 साल तक रहा। उसके पहले और भी विदेशी शासक आए। लंबे समय तक राज किया। लेकिन वे भारत को नही»
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई। कुल 12 राज्यों से»
डोनाल्ड लेक नामक एक अमेरिकन ने पांच खंडों में किताब लिखी जिसका नाम है ‘एशिया इन द मैकिंग आफ यूरोप’ इस लेखक ने पहली बार ह»
संविधान सभा ने हमारे दो राष्ट्रीय लक्ष्यों की उपेक्षा कर दी- जीवन दर्शन और राष्ट्रीयता। इसका कारण यह है कि वीएन राव जो स»
हमें डा. अंबेडकर की संविधान सभा में भूमिका को समझने के लिए उनकी पृष्ठिभूमि को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। पहली बात यह»
राजीव वोरा अंग्रेजी के घातक बोझ से देश को मुक्त करने की बात सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने भी कही है। मूल बात अ»
हमारे देश में अनेक भाषाएं हैं जिनको कई विद्वान भाषा और बोलियों, दो वर्गों में भी बांटते हैं। प्रारम्भ में संविधान की 8वी»
परिस्थितियां होती हैं। इसका कारण है। इतना केवल बताकर मैं अपना भाषण पूरा करूंगा। आप यह समझ लीजिए कि यह प्रकृति का नियम है»
परिस्थितियां आती हैं, हर चीज का इलाज एकदम नहीं होता। परिस्थितियों का इलाज होता है। इसको समय लगता है और इतने समय तक धीरज»
किंतु अब दूसरी भी बात है, मैंने प्रारंभ में कल एक बात कही थी। मैं रिमाईंड कराना चाहता हूं, यहां आप लोग बैठे हैं। एक रास्»
अब यह हिंदू मानसिकता को समझ कर आगे चलना है और पंजाब के बारे में भी यही लागू है। अब इस समस्या के बारे में हम पहले समझ लें»
विभाजन के बाद 55 करोड़ रुपये जब पाकिस्तान को देने का सवाल आया। सारे गांधी जी से नाराज हुए। अखबारों ने गांधी जी के खिलाफ ल»
उदयपुर में जो कुछ हुआ उससे आक्रोश स्वाभाविक है। लेकिन साथ ही सोचने की जरूरत है। 1990 में लुधियाना के राष्ट्रीय स्वयंसेवक»
हम कहते हैं कि गांधी जी सांस्कृतिक दृष्टि से श्रेष्ठ हिंदू थे। किंतु राजनैतिक दृष्टि से हिंदुओं के सबसे बड़े दुश्मन गांधी»
इमरजेंसी को याद करना उथल-पुथल की उस परिस्थिति में लौटने जैसा है। हर साल हम झांककर देखते हैं कि आखिर क्यों वैसा हुआ? लोकत»
महात्मा गांधी से पहली भेंट से वापस आते हुए महादेव भाई देसाई अपने मित्र से बोले, ‘‘नरहरि, मुझे तो इस पुरुष के चरणों में ब»
अफ़गानिस्तान में जो चल रहा है वह तो सभी के सामने है। आज का मीडिया वहां की राजनीति, कूटनीति और खौफनीति से लगातार»