सेंगोल है, लोकतंत्र का लोकदंड
स्वामी दयानंद सरस्वती ने सत्य पर प्रकाश डाला। एक पुस्तक बनाई। वह सत्यार्थ प्रकाश है। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा को स»
स्वामी दयानंद सरस्वती ने सत्य पर प्रकाश डाला। एक पुस्तक बनाई। वह सत्यार्थ प्रकाश है। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा को स»
रोम का एक मीडिया सामंत (नवाब) था सिल्वियो बर्लुस्कोनी। तीन विशाल टीवी चैनल और कई समाचारपत्रों का एक छत्र मालिक, सिनेमा क»
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नई खोज कराई है। उसका संबंध महात्मा गांधी से है। जिस ऐतिहासिक घटना को भुला दिया गय»
देश के प्रतिष्ठित पत्रकार एवं आपातकाल सेनानी श्री रामबहादुर राय की ख्याति एक राजनीतिक विश्लेषक एवं खोजी पत्रकार की रही ह»
मुद्रण क्षेत्र में एक अजूबा, प्रकाशन जगत में अचंभा और धर्म साहित्य में अद्भुत है गीता प्रेस, गोरखपुर। इसके शताब्दी वर्ष»
जमीन की मालिकी – किसान जमीन का नूर है। जमीन उसी की है अथवा होनी चाहिए, न कि घर बैठकर खेती करनेवाले मालिक या जमींदा»
अपने विश्वविद्यालय के बारे में अच्छा पढ़कर बड़ा भला लगता है। अपनत्व का एहसास जो गहराता है। इसीलिए पत्रकार साथी जावेद मुस»
ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के अंतिम दिन (24 मई 2023) नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से सख्त दंडात्मक कदम का वादा»
प्रत्येक लोकतंत्र-प्रेमी भारतीय को 52-वर्षीय राहुल गांधी की बात पर गंभीरता से गौर करना चाहिए। उनकी मांग है कि नवीन संसद»
कम्युनिस्टों ने बहुत से बौद्धिक कुचक्र रचे। उनके कुचक्र आज भी जारी हैं। जब उनकी इस धूर्तता से पर्दा उठता है तो बेशर्मों»
G7 शिखर सम्मेलन के मेजबान शहर के रूप में हिरोशिमा का चुनाव अमेरिका और यूरोप के देशों को आइना दिखाने जैसा है | परमाणु»
नाटकाकार भाई प्रदीप घोष एक स्पर्शमणि हैं जो किसी भी कलारूपी धातु को छूते ही कंचन रूप दे देते हैं। उनका यह हूनर है, नै»
बीते 30 अप्रैल को मधु लिमये जन्मशती समापन समारोह का आयोजन दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुआ. ऐसे वैचारिकी आयोजनों म»
जब निराशा, हताशा, विषाद, मायूसी, उदासी, व्यथा घेर ले तो मन को खिन्न न होने दें। इतिहास, पुराण के कुछ पुराने पृष्ठों को»
शोध आधारित फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ ने एक तरफ जहाँ केरल में लव जिहाद पीड़िताओं के वीभत्स जीवन का यथार्थ चित्रण किया वही दूस»
अपनी नादानी भरी राजनीति के कारण राहुल गांधी लगातार भूलें कर रहे हैं। एक भूल से उनकी लोकसभा सदस्यता गई। तो दूसरी भूल वे क»
डॉ. आंबेडकर का कहना था कि, “संवैधानिक नैतिकता एक स्वाभाविक भावना नहीं है. इसका क्रमिक विकास किया जाता है.” क»
चुनावी व्यय एक ऐसा मुद्दा है जिसमें निर्वाचन आयोग, राजनीतिक दल एवं भारत सरकार तीनों के ही अपने अपने दृष्टिकोण हैं. सैद्ध»
भारत में पंचायतों की परंपरा अत्यंत प्राचीन रही है.भारतीय इतिहास के हर दौर में पंचायतों का अस्तित्व रहा है. प्राण जी के श»