पड़ताल

अरुणाचल अब शोकांतिका नही रहा ! अलबत्ता तिब्बत तो त्रासदी है !!

बड़ी याद आती है जवाहरलाल नेहरू की। भले ही आज न तो उनकी पुण्यतिथि है, न जयंती। फिर कवि प्रदीप की पंक्ति कौंध जाती है : “ज»

लव जिहाद: सनातन समाज को स्वमूल्यांकन का आवश्यकता

 विगत दिनों मध्य मुंबई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद आदि जैसे संगठनों के कार्यकर्त्ताओं ने»

न गारा पड़ा, न ईंट, न सीमेंट, फिर भी नौ माह में अयोध्या-मस्जिद का दावा !!

इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा अपने परिसर से एक मस्जिद को हटाने के आदेश के खिलाफ अपील सुनते हुए गनीमत है सुप्रीम कोर्ट ने कल»

समरस हिन्दू

आज के हिन्दू समाज में अनेक विषमताएं हैं. जाती – पाती, उच्च – नीच, वर्ण आदि अनेक ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर अनेकों बार समाज ब»

वामपंथ: हिंसा, ध्वँस और अवसरवाद के साये में वर्ग चेतना की तलाश

   सामान्यतः वामपंथ कोई एक विचारधारा नहीं बल्कि साम्यवाद, समाजवाद, मार्क्सवाद इत्यादि विचाधाराओं का सामूहिक नाम है. वामप»