औपनिवेशिक विरासत
1947 में अंग्रेजों ने भारत की आजादी को केवल ‘सत्ता का हस्तांतरण कहा। अफसोस है कि भारतीय नेतृत्व ने भी यही माना, समझा और»
1947 में अंग्रेजों ने भारत की आजादी को केवल ‘सत्ता का हस्तांतरण कहा। अफसोस है कि भारतीय नेतृत्व ने भी यही माना, समझा और»
जब 1947 में हमने ब्रिटिश शासन को विदा करके अपनी स्वतंत्रता फिर स्थापित की थी तो अपने मन में यह सोच लिया था कि औपनिवेशिक»
भविष्य के प्रति आशा, सुन्दर सपनों की बुनियाद, आंखों में अटके वे आंसू, जिन्हें एकान्त नहीं मिला बह पाने को, घर परिवार की»
खैर उस समय हिंदुत्ववादी व्यक्ति संघ में थे और संघ के बाहर भी थे। और यह बड़े जोशीले थे। डा. जी के भाषण के बाद में हमारे पि»
दीनबंधु एंड्रयूज न केवल एक भले अंग्रेज हैं तथा उन्होंने इस देश के लिए न केवल अपना सर्वस्व निछावर किया है बल्कि वे एक कला»
अनादिकाल से भारत भूमि एवं भारतीय सभ्यता परमात्मा की विशिष्ट कृपा की पात्र रही है। यह राष्ट्र अनंत प्राकृतिक एवं सभ्यतागत»
स्वामी आनंद ने 7 अगस्त, 1927 के ‘नवजीवन’ में गुजरात भर के लोगों के वीरोचित कार्यों के बारे में जानकारी जुटाई है। उसमें प»
बड़े खेद का विषय है कि खादी प्रदर्शनी के आयोजन की आवश्यकता महसूस की गई। यह कदापि बधाई देने का विषय नहीं है, क्योंकि आम तौ»
मुझसे जब मुजफ्फरपुर में विद्यार्थियों की एक सभा में भाषण देने को कहा गया तो मैं किसी भी प्रलोभन के बिना राजी हो गया; क्य»
उस समय जैसे आज भी हैं। उस समय एक चर्चा थी कि हिंदुओं का जागरण करने का रास्ता क्या है? आप जानते हैं कि हिंदू सभा के लोग ब»
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते अयोध्या के 84 कोस परिक्रमा मार्ग” को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का फैसला किया था। स»
मद्रास में व्यवस्था और अनुशासन संबंधी अपने अनुभवों के विषय में, मैं लिख ही चुका हूं। रूहेलखंड के दौरे में, मैं भ»
मुझे खुशी है कि आप सब लोग चाहते हैं कि मैं प्रार्थना के अर्थ और उसकी आवश्यकता के बारे में कुछ कहूं। मैं मानता हूं कि प्र»
मैंने यह जो इतनी परीक्षा ली, इसका कारण यह है कि आपकी प्रशंसा मैंने बहुत सुनी थी और अब मैं जो कुछ कहने जा रहा हूं,»
जिन लड़कों का अभी आपसे परिचय करवाया गया, वे मेरे मित्र और साथी कार्यकर्त्ता, स्वर्गीय मोहम्मद काछलिया के पौत्र है»
विचार में शक्ति संकल्प से आती है। आजादी के अमृत महोत्सव का संकल्प वैसा ही है, जैसा महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह का था।»
गांधी को कितने लोगों ने याद रखा? जिन्होंने सत्ता स्वीकार की और खुद को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया उन्होंने उनका कितना स»
अयोध्या, सरयू और राम जी की जो पावन पवित्रता है वह अयोध्या की सीमा तक सीमित नहीं है। वो चतुर्भुवन तक और सार्वकालिक है। इस»
अयोध्या का रामराज्य से क्या संबंध है? गांधी जी ने रामराज्य को क्यों चुना? और तीसरी बात यह कि गांधी जी के लिए रामराज्य का»