राष्ट्रीय एकात्मता एवं हमारा प्रयास – दत्तोपंत ठेंगड़ी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बहादुर आदमी को कायर बनाता है? यह प्रश्न विचारणीय है। यह आप जो सोचते हैं वह भी सत्य हो सकता है। क»
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बहादुर आदमी को कायर बनाता है? यह प्रश्न विचारणीय है। यह आप जो सोचते हैं वह भी सत्य हो सकता है। क»
अंग्रेजी शासन के दौरान आदिम जाति को तुच्छ दृष्टि से देखा जाता था। बाहरी लोग जबरदस्ती उनके पारंपरिक इलाकों को हथियाने लगे»
अपनी अद्वितीय प्राकृतिक संपदा, विपुल मानव संसाधन, अकूत सामाजिक-सांस्कृतिक पूंजी तथा समृद्ध विरासत के बावजूद भारत की गिनत»
सन् 1762 से सन् 1774 के बीच कई फकीर-संन्यासी विद्रोह इतिहास में दर्ज हैं। हिंदू संन्यासी और मुसलिम फकीर अक्सर एक स्थान स»
देश के बहुत से लोगों के लिए गांधीजी का नाम राम बाण हो गया है। जब भी उन्हें देश के औद्योगिक ढांचे की कोई बुराई नजर आती है»
जंगल महल और मिदनापुर की संथाल, भूमिज और कुर्मी आदिवासी जातियों ने सन् 1760 में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह किया। अंग्रे»
भारत का प्रथम स्वाधीनता संग्राम सन् 1857 में लड़ा गया। अंगे्रजों के औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध यह पहला संगठित महासमर था। इ»
सैनिक विद्रोह को 1857 की क्रांति और ‘गदर’ भी कहा जाता है। इस क्रांति के पीछे सामूहिक रूप से अनेक कारण रहे लेकिन एक सैनिक»
पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव में कर लेने के पश्चात् वे उच्चशिक्षा हेतु अपने बड़े भाई के साथ नासिक चले आए। नासिक में विना»
1857 के स्वातंत्र्य संग्राम में प्रचंड आघात के फलस्वरूप भारत में कंपनी सरकार के पैर उखड़ गए। 7 नवंबर, 1885 ई. से रानी विक»
गांधी जी ने गुजरात महाविद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर भाषण दिया। यह भाषण गुजराती में था। गांधी जी के इस भाषण को गुजराती न»
गांधी जी ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय उद्घाटन समारोह में 4.2.16 को दिया। गांधी जी का यह यादगार भाषण हमारे लिए एक राह दि»
अयोध्या पर्व की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि रामलला का मुकदमा हम जीत गए। जब पिछले साल अयोध्या पर्व शुरू हुआ था तो किसने सोच»
भाप का इंजन आने से पहले भारत ही नहीं पूरी दुनिया में जल परिवहन ही यात्रा और माल ढुलाई का प्रमुख माध्यम था। कम दूरी की या»
भारत सदियों से समुद्री मार्ग से परिचित रहा है। समुद्रमार्ग से जहां दूसरे देशों से व्यापार होता रहा वहीं नदी मार्ग से देश»
भारत में 15 अगस्त को ब्रिटिश शासन से मुक्ति के रूप में याद किया जाता है। इस आधार पर यह मान लिया जाता है कि समस्त भारतवास»
रामचंद्र परमहंस अयोध्या आंदोलन के इकलौते चरित्र हैं, जो मूर्तियां रखे जाने से लेकर ध्वसं तक की घटनाओं के मुख्य किरदार थे»
इतिहास के संघर्ष का सुफल वर्तमान की चौखट पर है। भारत की लोकचेतना के राम का मंदिर बनने जा रहा। यह क्षण एक दिन में नही आया»
जाहिलों की जाहिलियत जारी है। जाहिलियत एक सोच है। अगर यह सोच किसी मजहब का आधार ही बन जाए तो समझो कि खतरा आपके सबसे करीब ह»