ग्रामीण भारत का खेती किसानी पर बढ़ता विश्वास
हाल के वर्षों में भारत द्वारा उच्च जीडीपी वृद्धि दर दर्ज किए जाने के बावजूद रोज़गार में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ र»
हाल के वर्षों में भारत द्वारा उच्च जीडीपी वृद्धि दर दर्ज किए जाने के बावजूद रोज़गार में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ र»
हरिजन सेवक में 28 जुलाई 1946 को गांधी जी ने स्वतंत्र भारत में पंचायतें शीर्षक से एक लेख लिखा। स्वतंत्र भारत में पंचायतें»
कृषि क्षेत्र में मजबूत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना बनाने का लक्ष्य रखने वाला यह योजना कृषि भूमि, फसलों और पैदावार के बारे»
आज ही के दिन यंग इंडिया में गांधी जी ने आजादी के पहले पंचायतें शीर्षक से एक लेख लिखा था। पंचायतों को गांधी जी के नजरिए स»
हमारे देहातियों का गुजर खेती पर होता है और खेती का गाय पर । मैं इस विषय में अंधा सा हूँ । निजी अनुभव मुझे नहीं है»
कौन से उद्योग शहरों में सरलतापूर्वक सिखाए जा सकते हैं? मेरे पास तो उत्तर तैयार ही है । मैं जो चाहता हूँ, वह तो गाँव की त»
आमतौर पर नई तालीम का अर्थ किया जाता है- उद्योग द्वारा शिक्षा देना। लेकिन यह कुछ अंश तक ही ठीक है । नई तालीम की जड़ इससे»
आज संसार में दो प्रकार की विचारधाराएँ प्रचलित हैं । एक विचारधारा जगत् को शहरों में बाँटना चाहती है और दूसरी उसे गाँवों म»
हमारे गाँवों की सेवा करने से ही सच्चे स्वराज्य की स्थापना होगी । अन्य सब प्रयत्न निरर्थक सिद्ध होंगे।अगर गाँव नष्ट हो जा»
2022 में 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से पहले और उसके बाद उर्वरकों की वैश्विक कीमतें आसमान छू रही थीं।वे तब से क»
पहली बार नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अपनी योजनाएं गांव किसान को केन्द्र में रखकर बना रही है। जबकि आजादी के बाद सरकारों नें»
देश की 70 फीसदी आबादी गांवों में रहती है और कृषि पर ही निर्भर है। ऐसे में किसानों की खुशहाली की बात सभी करते हैं और उनके»
किसान संघ जब किसानों के माल के उचित मूल्य की मांग करता है तब राष्ट्रवादी होने के नाते उपभोक्ताओं के प्रति अपनी जिम्मेदार»
भारतीय किसान संघ राष्ट्रवादी संगठन है। संपूर्ण राष्ट्र के हित का वह विचार करता है। वह जानता है कि किसान का हित और»
पिछली शताब्दी में किसानों की दुःस्थिति, असन्तोष तथा विद्रोह के प्रमुख कारण अकाल, शाहूकार, जमींदार, मूल्य-वृद्धि तथा अपर्»
केन्दीय मंत्रिमंडल ने पाम आयल मिशन के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में»
किसानों और व्यापारियों के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए एक अधिनियम किसानों की उपज की बिक्री और खरीद से संब»
भारत में राष्ट्रीय लॉकडाउन के समय 26% परिवारों के पास धन या अन्य संसाधनों की कमी थी। राष्ट्रीय लॉकडाउन से उत्पन्न होने व»
किसान आंदोलन के पीछे की कहानी धीरे-धीरे सामने आने लगी है। एमएसपी और मंडी समितियों को लेकर शुरू हुआ आंदोलन कानून वापसी के»