अहिंसा की शक्ति
मैं एक सज्जन द्वारा लिखे गए गुजराती पत्र का नीचे अनुवाद दे रहा हूंः हिन्दुस्तान को दुनिया के लोकमत की नगण्य सहायता मिली»
मैं एक सज्जन द्वारा लिखे गए गुजराती पत्र का नीचे अनुवाद दे रहा हूंः हिन्दुस्तान को दुनिया के लोकमत की नगण्य सहायता मिली»
मुझे खुशी है कि आप सब लोग चाहते हैं कि मैं प्रार्थना के अर्थ और उसकी आवश्यकता के बारे में कुछ कहूं। मैं मानता हूं कि प्र»
एक पत्र-लेखक ने मुझे ‘प्रबुद्ध भारत’ का सितंबर का अंक भेजा है। इस अंक में संपादक ने मेरे उस उत्तर का प्रतिवाद प्रकाशित क»
मद्रास में दो नवयुवकों पर मुकदमा चलाया गया है। एक तीस वर्षीय हिन्दू और दूसरा पच्चीस वर्षीय मुसलमान है। दोनों पर मद्रास क»
अपनी सघन और गहरी अनुभूतियों को कल्याण सिंह बिना कीसी शास्त्र या अनुशासन का पालन किये शब्द देते हैं। कतार के आखिरी आदमी क»
मैं नहीं जानता, मैं कहां हूं। कांग्रेस से निकल गया हूं, सरकार में हूूं नहीं। सोशलिस्ट मुझे गांधीवाला कहकर दूर भागते हैं,»
1931 में कांग्रेस का आंदोलन हुआ। आंदोलन में डा. जी स्वयं शामिल हुए। डा. जी के साथ संघ के प्रमुख कार्यकर्ता भी थे। लेकिन»
आज शाम, भेंट किए गए आपके सुंदर मानपत्र के लिए, मैं आपका आभारी हूं। आपने कहा है, और ठीक ही कहा है कि इस सुंदर द्वीप में म»
भारत के पास जो सामाजिक-सांस्कृतिक पूंजी है, उसकी जड़ें बहुत पुरानी हैं। यह सर्वविदित है कि विश्व में चीन और भारत की ही सभ»
अपने यहां वैज्ञानिक रुझान की कमी बताने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है। विज्ञान के इन अंध समर्थकों को लगता है कि जैसे विज्ञा»
युवा राजीव गांधीने प्रधानमंत्री बनने के बाद कहा था कि वे भारत को पश्चिमी देशों की नकल नहीं बनाना चाहते। अब तक के हर प्रध»
कुछ दिन पहले, बातचीत के दौरान, मेरे एक मिशनरी मित्र ने पूछ लिया कि यदि भारत वास्तव में आध्यात्मिक रूप से काफी आगे बढ़ा हु»
गांधी जी ने 20 अक्टूबर 1920 को यंग इंडिया में एक लेख लिखा। इस लेख के जरिए गांधी जी ने प्रशिक्षित स्वंसेवकों की आवश्यकता»
गांधी जी ने गुजराती के नवजीवन, 3-10-1920 अंक मेंं असहयोग पर लिखा। इस लेख के इस वाक्य से इसका सार समझ सकते हैं।अगर शिक्षक»
कोराना की दूसरी लहर में हमारा व्यवहार कैसा होना चाहिए? यह प्रश्न इसलिए है क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व इस संकट में भी अपनी स»
पूरी दुनिया में भारत की पहचान धर्म के आधार पर बनी है। भारत की पहचान यहाँ जन्में अवतारों के कारण बनी है। इससे बढ़कर भगवान»
वेदों के अनुसार जो न जीती जा सके वह अयोध्या। इसके नौ द्वार बताए गए हैं। उस दृष्टि से यह देह भी अयोध्या ही है। जो रोम-रोम»
नई दिल्ली। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) ने यौन शोषण और बलात्कार के शिकार बच्चों और उन»
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) ने बच्चों से संबंधित विभिन्न योजनाओं और»