राज्य तंत्र में कम्युनिस्टों की घुसपैठ
भारत के बारे में कार्ल मार्क्स की जानकारी बहुत सतही थी। अपने जीविकोपार्जन के लिए कार्ल मार्क्स ने अमेरिकी अखबारों के लिए»
भारत के बारे में कार्ल मार्क्स की जानकारी बहुत सतही थी। अपने जीविकोपार्जन के लिए कार्ल मार्क्स ने अमेरिकी अखबारों के लिए»
शांत सरोवर में ‘कमल’ खिलता है। जो परिवार, समाज और देश अशांत है, वहां विकास की बदरंग तस्वीरे है। अल्पसंख्यकों के बीच बोहर»
रामनाथ गोयनका के निधन से इंडियन एक्सप्रेस समूह पर ग्रहण लग गया। ऐसा हो ही नहीं सकता था कि जनसत्ता उससे अछूता रहे।»
पानी गिर रहा था। बहुत पानी गिर रहा था। बारिश की ये बूंदे उनके आंनद को चरम की ओर ले जा रही थी। ये ‘नई उम्र की नई फसल’ थी»
माओवाद से प्रेरित चारू मजूमदार ने 22 अप्रैल 1969 को जिस नक्सली संगठन की घोषणा की थी उसका नाम भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(मा»
संघ लंबे समय से स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए स्वयं को तैयार कर रहा था। पर 9 अगस्त, 1942 को प्रारंभ हुए ‘अंग्रेजों भारत छोड»
हिन्दू अखबार से बातचीत में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि ‘वाजपेयी जी सचमुच एक महान भारतीय और महान प्रधानमं»
महात्मा गांधी-150 एक महान अवसर हो सकता है। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय आयोजन समिति की जो पहली बैठक हुई है, उससे भी सका»
डा. मुरली मनोहर जोशी टेक्नोलाजी आज जीवन में आगे ही नहीं गई है बल्कि घुस गई है। अगर आप निकालना भी चाहेंगे तो आसानी से निक»
सभ्यता के संकट डा. कृष्ण गोपाल हमारे समक्ष सभ्यता का संकट है। सारी दुनिया कहीं न कहीं इस संकट को अनुभव भी कर रही है। इस»
राजनीतिक दलों ने क्यों बंद की चुनाव सुधार की बात? रामबहादुर राय चुनाव सुधार हमारे यहां तब से बडा विषय बना है जब से चुनाव»
शास्त्रीय बुद्धि के मामले में भारत संसार का सबसे उन्नत समाज है। इसलिए सात दशक पहले स्वतंत्र होने के बाद हमारी बौद्धिक जि»
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वो सोशल मीडिया पर निगरानी करने की अपनी योजना से पीछे हट गई»
आपको तो अरविंद केजरीवाल, लालू जी, मोदी और राहुल अलग-अलग देखने पड़ते हैं, हमें तो सौभाग्य से ये सभी कैरेक्टर एक ही आदमी म»