हमें यह जानना चाहिए कि संविधान की रचना का विचार कैसे पैदा हुआ और कब हुआ। कांग्रेस ने सबसे पहले मई 1934 में संविधान सभा की मांग उठाई। तारीख थी 16,17,18 मई 1934। इसकी मांग इसलिए उठाई गई कि कांग्रेस देख रही थी कि ब्रिटिश कूटनीति राष्ट्रीयता को छिन्न-भिन्न करना चाहती है।
कांग्रेस राष्ट्रीयता को लेकर प्रतिबद्ध थी। कांग्रेस देख रही थी कि गोलमेज सम्मेलनों के जरिए ब्रिटिश कूटनीति को अमल में लाया जा रहा है। राष्ट्रवाद के विरूद्ध तीन आकांक्षाएं पैदा की जा रही है। एक मुस्लिम पृथकतावाद, दो भारतीय रियासतों में अपना अपना अस्तित्व बचाए रखने की लालसा। तीसरा हिन्दू समाज को विभाजित कर दलित वर्गों को पृथक पृथक मताधिकार देने का कुचक्र।
16 अगस्त 1932 को कम्युनल अवार्ड आया था। कांग्रेस की भरसक कोशिश के बाद भी ब्रिटिश कूटनीति विफल नहीं हुई, बल्कि और ताकतवर बनकर उभरी। कांग्रेस समझ चुकी थी कि सामान्य जन को राष्ट्रवादी है नेतृत्व अपने छोटे छोटे स्वार्थ में उलझा रहता है। इसलिए वह चाहती थी कि सामान्यजन को प्रक्रिया का हिस्सा बनाकर ब्रिटिश कूटनीति को विफल करें। इसके लिए ही संविधान सभा की मांग उठाई गई थी। कांग्रेस ने वयस्क मताधिकार के आधार पर संविधान सभा बनाने की मांग रखी।