
पुतिन के इस सार्वजनिक वक्तव्य से रशियन अधिकारियों मे अफरातफरी मची हुई हैं. पिछले दो – तीन दिनों से ये अधिकारी, अपनी – अपनी बी एम डब्ल्यू, मर्सिडीज जैसी गाड़ियों के बदले, ‘लाडा ‘ जैसी रशियन कार खरीदने का सौदा करने में व्यस्त हैं.
हालांकि पिछले कुछ महीनों से रशिया, घरेलू कार उत्पादन बढ़ाने का प्रयास कर रहा हैं. इसके परिणाम भी दिख रहे हैं. पिछले छमाही में रशिया में घरेलू कार की खपत अच्छी खासी बढ़ी हैं. ‘लाडा’ यह रशिया का पहले क्रमांक का कार ब्रांड हैं. इसकी बाजार की हिस्सेदारी मात्र २१.६% थी, जो इस छमाही में बढ़कर ३२.६% हो गई हैं.
*रशिया एक खांटी कम्युनिस्ट देश हैं, जो ‘स्वदेशी’ का पुरजोर पुरस्कार कर रहा हैं.*
मैं अभी फ्रैंकफर्ट में हूँ. फ्रैंकफर्ट यह अघोषित रूप से यूरोप की आर्थिक राजधानी हैं. पूंजीवादियों का गढ़. *इस फ्रैंकफर्ट के एक प्रमुख मॉल में एक व्यापक अभियान चला हैं – Buy Local.* प्रत्येक दुकान में इस संदर्भ के पोस्टर्स लगे हैं.
*एक खांसी पूंजीवादी अर्थव्यवस्था भी ‘स्वदेशी’ पर जोर दे रही हैं.*
हमारे भारत में कुछ लोगों ने ‘स्वदेशी’ शब्द का मजाक बनाया था. ‘स्वदेशी’ की भावना की खिल्ली उड़ाई थी. *किन्तु आज भारत की जो मजबूत अर्थव्यवस्था बन रही हैं, उसमे ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘Make in India’ की बड़ी भूमिका हैं, यह हमे भूलना नहीं हैं..!*