भारत से कुवैत का ऐतिहासिक संबंध

प्रज्ञा संस्थानभारत और कुवैत ने हर तरह के आतंकवाद की निंदा की है . कुवैत ने हर तरह के आतंवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग का एलान किया है . यह बयान एक तरह से पाकिस्तान पर निशाना है .कुवैत सरकार ने अपने देश की प्रगति के लिए वर्ष 2035 की एक योजना तैयार की है और इस योजना को पूरा करने के लिए भारत से सहयोग मांगी है .प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी का कुवैत दौरा किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का 43 साल बाद हुआ .इससे पहले 1981 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी गई थीं . कुवैत की कुल 43 लाख की आबादी में 10 लाख से ज़्यादा भारतीय हैं और यहाँ के कुल श्रमिकों में 30 प्रतिशत भारतीय हैं. पीएम मोदी के दौरे से दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में और गति आएगी. अरब प्रायद्वीप से भारत का संबंध हज़ारों साल पुराना है. यहाँ तक कि इतिहास लिखे जाने से पहले से .

2023-2024 में दोनों देशों के बीच व्यापार 10.479 अरब डॉलर का रहा. भारत का कुवैत में निर्यात 2.1 अरब डॉलर का रहा और इसमें सालाना 34.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2022 में भारत ने कुवैत से 15 अरब डॉलर के कच्चे तेल,  गैस और पेट्रोकेमिकल उत्पाद के आयात किए थे. दोनों देशों के बीच संबंध कारोबार तक ही सीमित नहीं है. कुवैत में 10 लाख से ज़्यादा भारतीय रहते हैं. यह ग़ैर अरब प्रवासियों की सबसे बड़ी संख्या है. कुवैत में भारत के न केवल मज़दूर हैं बल्कि बड़ी संख्या में इंजीनियर और फ़ाइनैंस सेक्टर के प्रोफ़ेशनल भी हैं.

दोनों देशों के बीच संबंध सदियों पुराना है. भारत कुवैती परिवारों और कारोबारियों के लिए शिक्षा के साथ कारोबार का पसंदीदा देश रहा है. 20वीं सदी में बॉम्बे कुवैतियों के लिए एक अहम बिज़नेस सेंटर था. कुवैत के लोगों का बॉम्बे में घर और कंपनी होना बहुत पुरानी बात है.

2014 में भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने विदेश नीति को नया आकार दिया. खाड़ी के देश भारत के विस्तृत पड़ोसी हैं और पीएम मोदी ने यहां ख़ासा ध्यान दिया है  गल्फ़ से भारत के ऐतिहासिक संबंध रहे हैं. भारत से गल्फ़ का संबंध ऊर्जा, ट्रेड और प्रवासियों से आगे बढ़कर रक्षा, निवेश और राजनीति तक पहुँच गया है.

जीसीसी के देशों में 90 लाख से ज़्यादा भारतीय रहते हैं और जीसीसी ही भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है. कोविड महामारी के दौरान पीएम मोदी ने कुवैत में भारत से मेडिकल टीम और आपूर्ति भेजी थी. ऐसी पहल पारंपरिक साझेदारी से आगे की होती है. भारत के कुल वैश्विक व्यापार में जीसीसी देशों की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत है. 2022-23 में भारत का जीसीसी देशों के साथ 184 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था.

कुवैत सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को कुवैत के सर्वोच्च सम्मान द आर्डर आफ मुबारक अल-कबीर से सम्मानित किया है . कुवैत के सतावे शासक के नाम पर दिया जानेवाला यह पुरस्कार विश्व के गिने चुने नेताओं को ही दिया गया है .यह पुरस्कार पूर्व में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ,जार्ज बुश और प्रिंस चार्ल्स जैसी शख्सियतों को दिया गया है . कुवैत के अलावा जीसीसी के कई देशों ने मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़ा है.

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