अयोध्या पर्व राजधानी में मनाया जा रहा है। दिल्ली में अयोध्या पर्व होने का मतलब है कि हम जल्द ही रामलला के मंदिर का निर्माण जल्द कर लेंगे। मोदी और योगी सरकार का अच्छा मेल बैठा है, एक ओर मोदी एक ओर योगी। ऐसी स्थिति में अब जहां श्रीरामलला विराजमान हैं वहां दिव्य मंदिर का निर्माण नहीं होतो तो कब होगा ?
इसलिए हम आशा में हैं कि मोदीजी और योगीजी के कार्यकाल में भव्य मंदिर का निर्माण हो जाएगा। देश-विदेश में रहने वाले सभी हिंदू शीघ्र अतिशीघ्र यह चाहते हैं कि रामलला जहां विराजमान हैं वहां भव्य मंदिर का निर्माण हो। यह देश-विदेश में रहने वाले सभी हिंदुओं की आकांक्षा है। वास्तव में राममंदिर का निर्माण भारत का निर्माण है, राममंदिर का निर्माण विश्व का निर्माण है। श्रीराम मंदिर का निर्माण करके हम भारत और विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने जा रहे हैं।
रामलला जहां विराजमान हैं वह दिव्य भूमि है, सनातन भूमि है, ऐतिहासिक भूमि है। इसलिए मंदिर का निर्माण शीघ्र शुरू होना चाहिए। हम न्यायालय की प्रक्रिया का सम्मान करते हैं। राम सुप्रीम कोर्ट से ऊपर हैं, लोकसभा से भी ऊपर हैं, सबके ऊपर रामजी हैं।
बहुत दिनों से कारसेवक पुरम् में रखे हुए पत्थर इंतजार कर रहे हैं, कब हमारा समय आयेगा और राममंदिर में मेरा उपयोग होगा। कारसेवक पुरम् के पत्थरों से कब तक इंतजार करायेंगे, मंदिर के लिए कितनी प्रतिक्षा करनी होगी।
अयोध्या आज की नहीं है, त्रेता युग की नहीं है, महाराज मनु ने अयोध्या का निर्माण किया था। विश्व की सबसे प्राचीनतम नगरी श्रीअयोध्या जी हैं। आदि शासक महाराज मनु से पहले कोई हुआ नहीं और मनु ने ही विश्व की सबसे प्राचीनतम नगरी अयोध्या की स्थापना की।
अयोध्या पांच कोसी, चौदह कोसी और चौरासी कोसी है। इस क्षेत्र में कई तीर्थ हैं, हमारे बड़ी जगह के महाराज जी ने हर जगह पत्थर लगवाए और अयोध्या से उनका संबंध स्थापित किया। उन स्थानों को सुरक्षित किया और बताया कि ये-ये स्थान श्रीराम से जुड़े हुए हैं। इस तरह से अयोध्या का गौरव बड़ी जगह के महाराज द्वारा प्रतिष्ठापित किया गया।