त्रेतायुग के विश्वामित्र ने अयोध्या को जनकपुर से मिलाया। अयोध्या और जनकपुर के बीच संबंधों की डोर बांधी। मर्यादा पुरुषोत्तम राम और जानकी माता जिस मार्ग से आए, उस राम-जानकी मार्ग के बन जाने से रिश्तो की डोर एक बार फिर और मजबूत हो जाएगी। यह सड़क सिर्फ सड़क भर नहीं है , बल्कि आस्था और संस्कृति की प्रतीक है। यह विचार फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह ने बस्ती जिला मुख्यालय पर मंगलवार को व्यक्त किया। ज्यों ही उन्होंने नितिन गडकरी को विश्वामित्र कहा, मंचासीन नेताओं के चेहरों पर भीतर के हलचल की अजीब सी रेखाएं खिंच गई। गडकरी तो मुस्कुराए ही, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपनी मुस्कान नहीं रोक पाए। लेकिन वही मंच के सामने खचाखच भरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
यह सवाल लोगों के मानस को मथ सकता है , मथना भी चाहिए कि क्या नितिन गडकरी आधुनिक युग के विश्वामित्र हैं ? त्रेता के विश्वामित्र के व्यक्तित्व -कृतित्व से नितिन गडकरी का व्यक्तित्व -कृतित्व कितना मेल खाता है ?फिलहाल यह राजनीति है। सियासत में प्रतीकों का महत्व होता है और प्रतित्यपनमति सियासत दां उसे बेहद सलीके के साथ साध भी लेते है। वह भी ,सोने पर सुहागा तब हो जाता है जब प्रतीक सांस्कृतिक -चाशनी से तरबतर हो। यह तो प्रमाणित सत्य है कि अयोध्या और जनकपुर के बीच रिश्तो की मजबूत डोरी बाँधने गुरु विश्वामित्र की बड़ी भूमिका थी। राम का चरित्र बहुसंख्यकों के मानस को मथता रहता है। सांस्कृतिक प्रतीक जीवन के लिए खाद पानी का काम करते हैं। यह दुर्भाग्य की बात है कि अयोध्या से जनकपुर तक जो सड़क है ,वह बेहद खराब है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मां जानकी को मर्यादा पुरुषोत्तम राम जिस मार्ग से लेकर आए थे ,उसे राजमार्ग बनाना भारत की आस्था का सम्मान है। अयोध्या से जनकपुर तक की दूरी तय करने में पहले 12 घंटे लगते थे ,राजमार्ग बन जाने पर सिर्फ 3:30 घंटे लगेंगे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राम हमारी आस्था के प्रतीक हैं। प्रभु राम ,गौतम बुद्ध ,महावीर स्वामी, छत्रपति शिवाजी महाराज और अंबेडकर आदि ऐसे महापुरुष हैं जो अपनी रोशनी से लोगों के विचारों को रोशन करते रहेंगे।
नितिन गडकरी ने कहा कि पेट्रोल – डीजल इंपोर्ट बंद करना होगा। चार साल में ऐसी स्थिति पैदा करेंगे कि देश की क्रूड आयल पर निर्भरता कम हो जाएगी। आठ लाख करोड़ का क्रूड आयल के कारण हम संकट में हैं। इससे निपटना होगा और हमें बायो – फ्यूल पर आधारित सारा सिस्टम तैयार करना करना होगा। उन्होंने कहा कि , गंगा की पवित्रता को पुनः स्थापित करने के लिए कोशिश की जा रही है। 25000 करोड रुपए का काम गंगा की शुद्धिकरण के लिए शुरू हो चुका है। बायो डाइजेस्टर लगाए जा रहे हैं जो मिथेन छोड़ेंगे।
इंडियन आयल कारपोरेशन ने हमसे 23 जगह मांगा था लेकिन हम उन्हें नहीं देंगे। हमें यूपी सरकार को देना है। अगर गंगा की गंदगी से पैदा होने वाली ऊर्जा का कैलकुलेशन किया जाए तो 12000 बसें गंगा से निकली मिथेन गैस से पैदा हुए बायोफ्यूल से चलेगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि , उत्तर प्रदेश में बहुत तेजी के साथ काम हो रहा है। 2014 से 1743 किलोमीटर सड़कें बनी थी जिसे अब 14800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि 35 से 56 किलोमीटर लंबाई की 57 सड़कों को एनएच बनाने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने मेरठ -सहारनपुर ,कानपुर -लखनऊ ,दिल्ली -मेरठ आदि सड़कों को भी गिनाया जो कि दुनिया की बेहतरीन सड़कों में एक होगी। इसके साथ ही उन्होंने यूपी के गन्ना उत्पादक किसानों पर जोर देकर कहा कि ,ब्राजील चीनी का रेट ,मलेशिया पामोलिन का रेट ,अर्जेंटीना सोयाबीन का रेट तो अमेरिका मक्का का रेट तय करता है। आज का बाजार विश्व बाजार से नियंत्रित हो गया है। यह खुद ही सोचिए कि 22 रुपए प्रति किलो चीनी ब्राजील में मिलती है जबकि उत्तर प्रदेश की सरकार जो गन्ना खरीदती है उस पर उसका खर्च 34 रूपए प्रति किलो पड़ता है।
जानकी मार्ग (एनएच- 227 ए) छावनी से रामपुर तक 55 किमी. लंबाई का 315 करोड़ रूपए की लागत से चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण
जानकी मार्ग (एनएच- 227 ए) रामपुर से सिकरीगंज तक 35 किमी. लंबाई का 250 करोड़ रूपए की लागत से चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण
बस्ती रिंग रोड ( फ़ेज़-1) का 450 करोड़ रूपए की लागत से 14 किमी मार्ग का निर्माण
फैजाबाद से मांझीघाट तक घाघरा नदी पर राष्ट्रीय जलमार्ग -40 (350 किमी) का विकास कार्य
माननीय नीतिन गडकरी जी मे देश के नेतृत्व की अदभूत क्षमता है । त्रिपुरा इसका उदाहरण है ।माननीय संजय जोशी जी भी आज भी जनजन के चहेते बने है ।माननीय पी.बी राजगोपाल जी आदिवासी समुदाय मे अच्छा कार्यकर सहे है ।माननीया राजश्री चौधरी जी रामेश्वर मिश्रा जी,कुसुम लता केडिया ,राम बहादुर राय जी ,बसव राज पाटिल जी ,परम आदरनिय महान चितंक माननीय गोविद जी देश के महान विभूतिगण सहकार से सरकार.की ओर की “सहकारवाद “की रणनीति बनाई जाय ।
मानवीय सभ्यता के लिए हित होगा सहकार वाद की स्थापना पर बल दिया जाय ।भारत विकास संगम कर्नाटका मे 24-12-18 से 30-12-18के दौरान प्रस्ताव पारित किया जाय ।उपरोक्त आदरनिय गण भारत निर्माण मे महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन हो।