अमीन सयानी की स्मृति में… क्या थे वे दिन ? गीतमाला वाले !

उन दिनों अमूमन अखबारों के दफ्तर में देर शाम फोन की घंटी बजती थी (तब मोबाइल नहीं जन्मा था), तो अंदेशा होता था कि “कुछ तो»

पेड़ के प्राण लेना अक्षम्य है ! सुप्रीम कोर्ट दंड तय करे !!

वन की परिभाषा क्या है ? अब इस जानेमाने शब्द के आशय पर गत सप्ताह से भारत का सर्वोच्च न्यायालय माथापच्ची कर रहा है, सिर खप»

अंतरिम बजट 2024-25’जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में अंतरिम बजट पेश किया। वित्तमंत्री ने इस बार छठा बजट सदन में पेश किया। मोरारजी देसाई»

आमजन के राम

आमजन का राम से रिश्ता दशहरा में नये सिरे से जुड़ता है। रामलीला एक लोकोत्सव है जिसमें राम की जनपक्षधरता अभिव्यक्त होती है।»

लोहिया के सपने को पूरा किया भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर ने !

तीन निखालिस सोशलिस्टों, मुलायम सिंह यादव, जॉर्ज फर्नांडिस और अब कर्पूरी ठाकुर, को पद्म पुरस्कार से नवाज कर भाजपाई प्रधान»

अफ्रीकी फोटो-पत्रकार जिसका कैमरा ही अपना बंदूक था !

अफ्रीकी स्वतंत्रता सेनानी और अदम्य फोटो पत्रकार पीटर मगुबेन के गत दिनों निधन से वैश्विक संघर्ष का एक अनुच्छेद समाप्त हो»

बाबरीनुमा फसाद अब मुंबई में भी ! बनेगी समाधि, जो अभी मजार है !!

गोरखपंथ के संत मच्छिंद्रनाथ (मत्स्येंद्र नाथ) की बारह सदी पुरानी समाधि शीघ्र हिंदुओं को वापस मिलेगी। मुंबई से चालीस किलो»

राम की अनंत कथा को हेमंत ने सिफत से गूथा है, नए सिरे से !

हेमंत शर्मा की “राम फिर लौटे” (प्रभात प्रकाशन) को पढ़ना लाजिमी हैं, अयोध्या के राम से पूर्णतया अवगत होने के हेतु। जो नही»