राष्ट्रपति पद पर ट्रंप की वापसी से बांग्लादेश में बेचैनी

प्रज्ञा संस्थानरिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. ट्रंप को इस जीत पर दुनियाभर से बधाइयां मिल रही हैं. राष्ट्रपति पद पर ट्रंप की वापसी से कुछ देशों में बेचैनी बढ़ी है तो कुछ देश खुश नजर आ रहे हैं. इस लिस्ट में एक देश बांग्लादेश भी है.इसी साल अगस्त महीने में शेख़ हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद देश छोड़ना पड़ा था. हिंसक आंदोलन के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ और नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस को इस सरकार का प्रमुख सलाहकार नियुक्त किया गया. एक तरह से वो ही इस सरकार के प्रमुख हैं. मोहम्मद यूनुस को डेमोक्रेट्स-बाइडन प्रशासन का ख़ास माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि उन्हें इस भूमिका में लाने के पीछे बाइडन प्रशासन और डेमोक्रेट्स की अहम भूमिका रही है.

साल 2016 में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराया था. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने दुख जाहिर करते हुए उस वक्त कहा था कि ट्रंप की जीत एक सूर्य ग्रहण की तरह है. उनका कहना था कि साल 2016 का चुनाव गलत तरह की राजनीति का शिकार हुआ है. उन्होंने ट्रंप को सलाह देते हुए कहा था कि उन्हें दीवारों की बजाय पुल बनाने और अधिक उदार दृष्टिकोण अपनाने की ज़रूरत है. जब बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार बनाया तो उस वक्त वे डेमोक्रेट्स, बाइडन प्रशासन और हिलेरी क्लिंटन के साथ मिलकर काम कर रहे थे. उन्हें इस भूमिका में लाने में अमेरिका की अहम भूमिका है.” मोहम्मद यूनुस को क्लिंटन परिवार का नजदीकी माना जाता है.

इस नई भूमिका में आने के बाद यूनुस का अमेरिका दौरा भी काफी चर्चा में रहा था. 25 सितंबर को उन्होंने’ क्लिंटन ग्लोबल इनिशिएटिव कार्यक्रम ‘ में शिरकत की थी. इस कार्यक्रम में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी मौजूद थे. अब अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हो गया है. डेमोक्रेट्स की जगह रिपब्लिकन सत्ता में होंगे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या ट्रंप उन नीतियों को जारी रखेंगे जो बाइडन प्रशासन के समय थीं या फिर वे उनमें कुछ बदलाव करेंगे?

पहले अमेरिका भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए दक्षिण एशिया को एक यूनिट के तौर पर देखता था, लेकिन जो बाइडन प्रशासन ने बांग्लादेश को एक स्वतंत्र यूनिट के तौर पर देखा. इसका असर ये हुआ कि बांग्लादेश में सरकार बदल गई.” बांग्लादेश में मानवाधिकार और चुनावों को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं, लेकिन बाइडन के समय पर इन्हें लेकर ज़्यादा सख्ती थी और उनके शेख़ हसीना से भी अच्छे संबंध नहीं रहे हैं .

शेख़ हसीना और डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिका- बांग्लादेश संबंध तनावपूर्ण नहीं थे. इसके कई लोगों ने उस समय बांग्लादेश में चुनावी प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए, लेकिन ट्रंप प्रशासन की तरफ से स्वतंत्र और निष्पक्ष  चुनाव कराने की अपील के अलावा कुछ भी आधिकारिक तौर पर नहीं कहा गया. दोनों देशों के बीच व्यापार और बातचीत जारी रही. हाल ही में मोहम्मद यूनुस अमेरिका गए थे और उनकी मुलाक़ात जो बाइडन से हुई थी. उन्हें अच्छा खासा सम्मान मिला था.

डोनाल्ड ट्रंप का इस उपमहाद्वीप को लेकर एक अलग दृष्टिकोण है, क्योंकि वे नरेंद्र मोदी के बहुत करीबी हैं.  “भारत और बांग्लादेश ऐतिहासिक रूप से अच्छे पड़ोसी हैं. इसलिए ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से आम लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा . ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत-बांग्लादेश संबंधों को कोई खास नुकसान नहीं होगा . हाल ही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटना मे इजाफा हुआ है. ट्रंप ने दिवाली संदेश में बांग्लादेशी हिंदुओं और पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर एक बयान पोस्ट किया था, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू गई थी.

उन्होंने लिखा था, “मैं बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं. भीड़ उन पर हमला कर रही है, लूटपाट कर रही है जो कि पूरी तरह से अराजकता की स्थिति है.” ट्रंप का कहना था, “मेरे कार्यकाल में कभी ऐसा नहीं होता. कमला और जो बाइडन ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया में हिंदुओं की अनदेखी की है. वे इसराइल से लेकर यूक्रेन और हमारी अपनी दक्षिणी सीमा तक तबाही मचा चुके है, लेकिन हम अमेरिका को फिर से मजबूत बनाएंगे और ताकत के जरिए शांति वापस लाएंगे.” उन्होंने लिखा, “हम कट्टरपंथी वामपंथियों के धर्म विरोधी एजेंडे के ख़िलाफ़ हिंदू अमेरिकियों की भी रक्षा करेंगे. हम आपकी आज़ादी के लिए लड़ेंगे. मेरे प्रशासन के तहत हम भारत और मेरे अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी साझेदारी को भी मजबूत करेंगे.” ट्रंप अमेरिका के पहले बड़े राजनेता हैं जिन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार पर पहली बार बोला था. अपनी हिंदू जड़ों के बावजूद कमला हैरिस ने इस मामले में अपनी चुप्पी को बरकरार रखा था. दिवाली पर हिंदुओं को लेकर जो बयान ट्रंप ने दिया था उसे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की आलोचना की तरह लिया गया और वैसे भी ट्रंप के साथ यूनुस के संबंध अच्छे नहीं हैं.

हालांकि कुछ जानकारों ने इसे चुनाव से जोड़कर भी देखा था और दावा किया था कि ट्रंप चुनाव में हिंदू और भारतीय वोटरों को लुभाने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. बांग्लादेश फिलहाल एक अस्थिर राजनीतिक स्थिति से गुजर रहा है. शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद वहां अंतरिम सरकार ही चल रही है. बांग्लादेश में अभी भी लोकतंत्र की बहाली नहीं हुई है. नई सरकार कब बन पाएगी उसका भी फिलहाल किसी को कुछ नहीं पता है.”

सवाल यही है कि आखिर नई सरकार चुनने के लिए बांग्लादेश में कब चुनाव होंगे? देश में चुनाव घोषित करने का अधिकार अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस के पास है. ऐसी स्थिति में यूनुस के ऊपर दबाव बढ़ेगा, क्योंकि बाइडन की तुलना में ट्रंप उन्हें ज्यादा समय नहीं देंगे. ट्रंप, मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश में जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए कहेंगे और दूसरा चुनावों में आवामी लीग के हिस्सा लेने की संभावना अब बढ़ गई है.” शेख हसीना की पार्टी को अपनी खोई हुई राजनीतिक ज़मीन पाने में मदद मिलेगी. आवामी लोग को ये उम्मीद है कि उन्हें वो राजनीतिक जगह बांग्लादेश में मिलेगी जिसे वो चाह रहे हैं.”

 

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