भारी कौन है ? भाजपा अथवा उसका सांसद बृजभूषण शरण सिंह ? फिलहाल पार्टी उन्नीस पड़ती नजर आ रही है। एक बार भाजपा ने उन्हें निकाल दिया था लोकसभा में पार्टी की अवहेलना पर। वे मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी में (20 जुलाई 2008) शामिल हो गए थे। सिंह का अपराध जगत में कीर्तिमान है। उन पर तीस मुकदमे चल रहे थे। सभी निरस्त हो गए। मगर चार अभी हैं। एक है हत्या का प्रयास (धारा 307) और दूसरा अवैध हथियार रखने का। आज कल वे फिर सुर्खियों में हैं। यौनपिपासा वाली हरकतों के कारण।
बृजभूषण सिंह पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी से संबंधों का आरोप लगा। दरअसल दाऊद इब्राहिम के बहनोई इब्राहिम कासकर की अरुण गवली से गैंगवॉर में हत्या हो गई थी। इसके बदले में 22 सितंबर 1992 को मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में शूटआउट हुआ। बृजभूषण सिंह पर आरोप लगा कि डी कंपनी के शूटर्स को उन्होंने शरण दी। टाडा लगने के बाद वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद भी थे।
बृजभूषण शरण सिंह हथगोला नहीं तोप है। यह भाजपा को वे जता चुके हैं। किस्सा है 14 नवंबर 2017 का। गोंडा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की जनसभा थी। सिंह तब मंचासीन थे, पर किनारे वाली कुर्सी पर। मुख्यमंत्री से दूर। बोलने बुलाया गया तो उनके भाषण का खास लहजा था : “मैं फर्द (ओढ़नेवाला) हूं। बिछावन (फर्श पर पड़नेवाली दरी) नहीं।” अर्थ स्पष्ट थे। योगी जी अपनी सौम्य मुद्रा में ही रहे। भाजपा मुखिया जो केंद्रीय मंत्री रहे, पत्रकारिता में परास्नातक और शतरंज के खिलाड़ी भी, डॉ महेंद्रनाथ पांडेय संकेत समझ गए होंगे। शिष्टाचारवश मौन रहे।
इंतिहा तो हो गई थी जब इस युवा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने जनसंघ (स्थापना : 21 अक्टूबर 1951) तथा भाजपा (स्थापना : 6 अप्रैल 1980) के संस्थापक वयोवृद्ध चंद्रिकादास अमृतराव (उर्फ नानाजी) देशमुख को धौंसिया दिया था। तब 2004 में गोंडा में जनसभा हो रही थी। बसपा मुख्यमंत्री मायावती ने मंच पर से घोषणा की कि गोंडा का नाम लोकनायक जयप्रकाश नारायण जिला होगा। यह नानाजी देशमुख का अनुरोध था। पढ़िये विवरण बृजभूषण शरण सिंह की जुबानी : “गोंडा में मायावती का एक कार्यक्रम जयप्रभा ग्राम में चल रहा था। कार्यक्रम खत्म हुआ तो मायावतीजी को एक स्लिप पकड़ाई गई। मायावती जी पलट कर आईं और उन्होंने कहा कि मुझे गोंडा के लिए कुछ घोषणा करनी है। हम सभी विधायकों के साथ बैठे थे। हमें लगा कि ये या तो इंजीनियरिंग कॉलेज देंगीं क्योंकि उस समय इसकी काफी मांग चल रही थी और या फिर ये गोंडा-बलरामपुर वाली रोड देंगीं। लेकिन मायावती ने ऐलान कर दिया कि मैं गोंडा का नाम बदलकर “लोकनायक जयप्रकाश नारायण नगर करती हूं।” ये सुनते ही छटपटाया। मैं नहीं माना और मायावती जी से भिड़ गया।” मायावती जी ने कहा : “जो होना था, हो गया।” हमने कहा : “मुख्यमंत्री जी मेरे शरीर में खून का एक भी कतरा रहेगा तो मैं इस नाम को नहीं होने दूंगा। फिर मैंने इसे लेकर गोंडा में एक आंदोलन खड़ा किया। आंदोलन की तमाम तस्वीरें आदि प्रमाण लेकर मैं अटल बिहारी वाजपेयी जी के पास गया। अटलजी ने एक मिनट में मायावती जी को फोन करके जिले का नाम रोक दिया।” बृजभूषण कहते हैं कि यहां से मेरी दुर्दिन की कहानी शुरू होती है क्योंकि ये नामकरण नानाजी देशमुख ने करवाया था। वो संघ के बहुत बड़े नेता थे।”
इस वर्ष बृजभूषण सिंह के सियासी जीवन के लिए सबसे बड़ी चुनौती आई। शुरुआत हुई 18 जनवरी 2023 को। महिला पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया। ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को कई मेडल दिला चुके इन पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के संगीन आरोप लगाए हैं। विनेश ने इल्जाम लगाया कि बृजभूषण खिलाड़ियों के होटल में रुकते थे, जो नियमों के खिलाफ है। विनेश ने रोते हुए बताया कि कुश्ती संघ अध्यक्ष उसी फ्लोर पर रुकते थे, जहां महिला पहलवान ठहरती थीं। तब जनवरी 21 तक पहलवानों का यह धरना चला और फिर खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मीटिंग के बाद एक जांच कमिटी बनी। इसके बाद उनका धरना खत्म हुआ।
मगर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों पर FIR दर्ज न किए जाने का आरोप लगाते हुए सात महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। अदालत ने महिला पहलवानों की याचिका पर दिल्ली पुलिस और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि आरोप गंभीर हैं। उन पर विचार करने की जरूरत है। दंगल गर्ल इंटरनेशनल रेसलर गीता फोगाट भी पहलवानों के समर्थन में आ गई हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा : “सत्य परेशान हो सकता है, पर पराजित नहीं।” उनकी बहन बबीता फोगाट भी यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए बनी कमेटी पर सवाल खड़ी कर चुकी हैं।
अब मसला प्रधानमंत्री के निर्णयार्थ पेश है। विश्व कीर्तिमान हासिल कर चुकी, कई पदकों को जीतनेवाली इन भारतीय महिला पहलवानों की फरियाद मोदीजी कब सुनेंगे ? यहां अति महत्वपूर्ण मसला है कि क्या 18वीं लोकसभा (मई 2024) निर्वाचन में उत्तर प्रदेश में भाजपा की छवि स्वच्छ रह पाएगी ? बाहुबली बृजभूषण करीब 50 शिक्षण संस्थाओं का मालिक है। क्या वहां की छात्राएं और अध्यापिका उसके चंगुल से बचती रहेंगी ? अब तक यूपी में माफियामुक्त अभियान का अनुकूल प्रभाव जबरदस्त पड़ रहा है जब से अतीक-मुख्तार पर कार्यवाही चली है। उनसे कतई कम नही है बृजभूषण सिंह। सवा सौ किलोमीटर के फासले पर है गोंडा 5 कालिदास मार्ग से। ढाई घंटे का टाइम लगेगा। बाबा का बुलडोजर चलना चाहिए। वक्त की मांग यही है। “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।” अर्थात यूपी भी देवलोक हो जाये, योगीजी महाराज पर निर्भर है।
[लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं]